Wednesday, May 16, 2007

उपभोक्तावाद और नारी


प्रोडक्ट को बाजार में लाने से पहले कम्पनियॉ ,उसके उपयोग करने वालों पर अपनी गिद्ध नजर गडाये बैठी रहती हें। उसे बाजार में सफल बनाने के लिए कई हथकंडो का इस्तेमाल किया करती हैं। मुहम्मद गोरी की तरह बराबर ग्राहक के दिलो दिमाग पर चढ़ाई करती रहती हैं कि पृथ्वीराज रुपी ग्राहक कभी तो प्रोडक्ट रुपी संयोगिता के रुप-जाल में उलझेगा और जेबों पर कम्पनियों का कब्जा होगा। इसी तरह का एक वाकया साफ नजर आया जब मुम्बई के नरीमन प्वाईन्ट से चर्च गेट के लिए सामूहिक टैक्सी में बैठा। भले ही प्रोडक्ट और उसका लक्ष्य यानी उस प्रोडक्ट का उपयोग करनेवाली एक महिला ग्राहक रुपी संयोगिता ही थी। कम्पनी रुपी मुहम्मद गोरी ने बडी सोच विचार कर अपनी मार्केटिंग टीम के सिपाहियों को नरीमन प्वाइन्ट के टैक्सी स्टैन्ड पर खड़ा कर दिया ,नए साड़ी पिन के पैकेट के साथ। टीम के सदस्य टैक्सी में बैठने वाली महिला सवारियों को पैकेट फ्री में देते साथ में टैक्सीवाले को महिला सवारी का किराया भी। किराया देते वक्त यह कहना नहीं भूलते, केवल महिलाओं के लिए। यानी उपभोक्तावाद की नजर उन पर गड़ चुकी है। पुरुष सहयात्री हक्के बक्के रह गये। गॉव तो अभी इससे अछूते हैं,लेकिन कब तक। विज्ञापनों की बाढ ने वहॉ भी अपने चढाई के रंग ढंग दिखाने शुरू कर दिये हैं। अधनंगे विज्ञापन, जिनमें महिलाओं का भरपूर प्रदर्शन किया जाता रहा है बार बार अपनी असली मकसद को जाहिर करते हैं। मुम्बई महानगरपालिका की महिला नगरसेविका ने इसके विरुद्ध कड़ा रुख अख्तियार किया। लेकिन मुहम्मद गोरी की जड़ें मजबूत हो चुकी हैं। महानगर पालिका की आय की कुज़ी इन विज्ञापनों को हटाना अब उनके लिए भी संभव नहीं। मुँह पर भले ही इन विज्ञापनों को भला बुरा कह लें लेकिन आयेंगे फिर उन्हीं के सामनें, आखिर जमाना उपभोक्तावाद का जो है। इस कमजोर नस पर गोरी रुपी कंपनियों का हमला बदस्तूर जारी रहेगा, सो मित्रों जागो ...... जागो इस मुहम्मद गोरी को रोको..... ।

Friday, May 11, 2007

सदी के महानायक के बेटे की शादी और मीडिया ।


जब से महानायक के बेटे की शादी की घोषणा हुई है महिला टी.वी.पत्रकारों के लिए तो मुश्किलों की ही शुरुआत हो गई है। एक तो फिल्मी दुनिया के चर्चित अविवाहित युवा से फ्लर्ट करने को नही मिलेगा दूसरे शादी की तैयारियां भी करनी पडेगी। एन्कर और महिला रिपोर्टरों ने ब्यूटी पार्लर से लेकर फैशन डिजाइनरों तक के दरवाजे पर मैराथन दौड़ शुरू कर दी है,अपने रुप और फैशनेबल कपड़ो को संवारने के लिए। चवन्नीछाप पत्रकारों के लिए ज्यादा के मुश्किल की घड़ी आने लगी जिन्होंने अभिनेता और अभिनेत्रियों के मुँह से अपनी प्रशंसा में कसीदे पढ़वाए थे। सवाल यह है कि अब किससे अपनी प्रशंसा करवाएगे। फिल्मी हस्तियों के अलावा राजनेता और बौद्धिक लोग भी जो वहॉ रहेंगे। बौद्धिकों के सामने तो कलई खुलते देर नहीं लगेगी। यानि चवन्नीछाप एन्करिंग और रिपोर्टिग दो कौडी की हो जाएगी। फिर भी मन में समुद्र हिलोरें मार रहा था। जलसा या प्रतीक्षा में कोइ तो मिलेगा , और तो और वहॉ कोइ नहीं मिलेगा तो ऐश्वर्या के घर पर ही किसी को घेरेंगे। किसी थक चुकी हीरोइन की प्रशंसा का हथियार चलाएँगे जिससे रिटर्न फायर में वह कुछ तो दे जाएगी। लेकिन मन का जहाज तब समुद्र में डूबने लगा जब अमिताभ ने किसी को शादी में आने का न्योता ही नहीं दिया। सारी इन्टरटेनमेंन्ट रिपोर्टिंग की हवा फुस्स हो गई। आखिर पहले से कह जो रखा है कि हमारी पहुँच बड़े बड़े कलाकारों के ड्राइंगरुम से बाथरुम तक है। अब अपनी लाज और अमिताभ के प्रति गुस्सा को छुपाएं कैसे। अमिताभ कद काठी से काफी ऊँचे है वहाँ तक गुस्सा पहुँचकर उलटे अपने उपर ही आ गिरेगा जेड सिक्यूरिटी के रुप में। अमिताभ को अपने बेटे की शादी भी चैन से नहीं करना देने चाहते थे ये लोग और उनके गुस्से से भी बचना चाहते थे। तो शुरुआत हुआ प्लान बनाने का। आज तक जो अपने घर और शरीर का प्लान नहीं बना सकते थे वे मिडिया कवरेज की बातें करने लगे। आखिर दिखाना जो था कि हम भी हैं किसी काबिल। फील्ड के हर रिपोर्टर और कैमरामैनों को एक लाइन से लगा दिया गया। दूसरा कोई खबर अहम हो ही नही सकता सिवाय इसके। कैमरामैनों और रिपोर्टरों को हिदायत दे दी गई कि अमिताभ के घर से निकलने वाले कुत्ते का भी फुटेज लेना है। शादी के दिन रास्ते में हर किसी को लगाया गया कि अभिषेक,अमिताभ और उनके नौकरों तक तस्वीर नहीं छुटनी चाहिए। लेकिन खिसीयानी बिल्ली खम्भा नोचें वाली कहावत तब चरितार्थ हुई जब सारे बराती चमचमाती गाडियों में सवार तेजी से निकलते गए। अब वो अमिताभ के घर की दीवार नोचे या अपने बाल। इन्तजार तो उन्हें करना पडेगा शायद अभिषेक-ऐश्वर्या के बच्चे की शादी तक...

Thursday, May 10, 2007

इंडियानामा की शुरुआत...

आप सबका मेरे इस ब्ल़ॉग में स्वागत है...मेरी ये कोशिश रहेगी कि मैं अपने देश और देशवासियों की पसंद औऱ नापसंद का ख्याल रखते हुए छोटी छोटी जानकरियां देते रहूंगा ।




जल्दी ही फिर मिलेंगे....