Sunday, October 27, 2013

गाँधी मैदान जहाँ कई यादें हैं,

ये वही गाँधी मैदान है,जहाँ से कभी जयप्रकाश नारायण ने केन्द्रीय सत्ता को चुनौती दी था, और इन्दरा गाँधी को हार का मपँह देखना पडा था। आज की घटना ने ना केवल उस संस्कृति को चोट पहुँचाई जो इस गंगा की घाट पर शुरुआत होकर पूरे विश्व में एक आयाम साबित किया है बल्कि हर उस मानस के दिलो दिमाग को कौध कर रख दिया कि आखिर पवित्र भूमि अब पवित्र नहीं रही।

लगभग 1500 फीट की उँचाई से ली ये तस्वीर उस बदलते शहर की है जो कभी अपना लगता था। 

Wednesday, October 16, 2013

गोवा एक अलग नजर से

यूं तो गोवा का नाम आते ही हर किसी के जेहन में समुद्र का किनारा और बेहतरीन नजारों की तस्वीरें घूमने लगती हैं, लेकिन कुछ अलग भी है। हमने उन बारिकियों को निकाल कर दिखाने की कोशिश की है, आप अपने तरीके से इसे जर देखें।  

एक पर्यटन ऐसा भी

महाराष्ट्र की शान कहे जाना वाला रत्नागिरी मुझे कुछ इस तरह दिखा। मैं चाहता हूँ कि आप भी इसे देखे और हमें बताएँ कि हकीकत क्या है। 

कुछ और भी


आप लोगों से दूर रहने का दर्द बराबर सालता रहा । हर बार कुछ नए अनुभव मिलते गए लेकिन जब धनाढ्यों की करतूतें सामने आने लगी, तो बेहद ताजुब्ब होने लगा। 

महारष्ट्र के सूदूर इलाके से

काम के सिलसिले में कई जगह गया। कुछ तो बेहद प्रभावी थे, कुछ बेहद पिछडे दिखे, कुछ झलकियाँ हम आपके लिए भी लाए हैं।आप भी इसे देखे और अपने विचारों से अवगत कराएँ। 

बहुत कुछ है अपने पास

मैं कुल एक साल ग्यारह महीने और बारह दिन से आपसे दूर हूँ। बेहद शर्म महसूस करता हूँ कि आखिर दूर कैसे होता गया। लेकिन परिस्थितियाँ बनती गई और मैं दूर होता गया। कुछ तो समयाभाव और कुछ लिखने में आलस कारण बना इस दूरी। लेकिन अब प्रयास रहेगा कि ये दूरी ना रहे। इंडियानाम के जरिए घर आया हूँ, इसलिए आप सबों से क्षमा प्रार्थी हूँ, उम्मीद है कि आप सब इसे मेरी ना समझी मानकर क्षमा करेंगे। कुछ ज्यादा नहीं महज आज कुछ तस्वीरों से ही शुरुआत करते हैं।