Wednesday, April 2, 2014

जिन्दगी का अर्थ...

जिन्दगी के मायने ...देखने का एक नज़रिया...
मरना हो गया है अब
और जीने के लिये हैं
दिन बहुत सारे ।
इस
समय की मेज़ पर
रक्खी हुई
जिंदगी है 'पिन-कुशन' जैसी
दोस्ती का अर्थ
चुभना हो गया है
और चुभने के लिए हैं
पिन बहुत सारे।
रिश्तों के नाम पर
खाली लिहाफ हैं
यादें हैं नश्तर जैसी
संबंधों का मसला
दर्द हो गया है
और दर्द देने के लिए हैं
तैयार सारे।

निम्न-मध्यमवर्ग के
परिवार की
अल्पमासिक आय-सी
है जिंदगी
वेतनों का अर्थ
चुकना हो गया है
और चुकने के लिए हैं
ऋण बहुत सारे।

कभी कभी लगता है कि
जिन्दगी के हिसाब किताब से
दर्दों के क्रेडिट से

अब डेबिट करने होंगे ढेर सारे ।