
कहने में कितना आसान है कि जीवन जीने के लिए नई राह की तलाश मिल गई..। सोंच कर मन एक दम से हर्षित हो जाता है। हकीकत है भी, क्योकि इस दुनिया में जीने के लिए बहाने या यूँ कहें तो एक उद्देश्य का होना बेहद जरुरी है। मैंने तो निश्चय काफी पहले कर लिया था लेकिन अब अपने निश्चय पर दृढ हो चुका हूँ। अपने जीवन के धुँधले पन्नों को जीवन से निकाल तो नहीं सकता लेकिन उस पर धूल की परतें डाल कर बंद कर चुका हूँ। ना चाहते हुए भी कोई अपनी उपस्थिती दर्ज कराने की कोशिश करता है लेकिन उसे दरकिनार करना ही मेरे लिए बेहतर है। मैं इसे कर भी चुका हूँ। मेरे किताब लिखने की गति थोडी धीमी हो गई है। जल्द ही उसमें तेजी लानी होगी। आसपास इतना कुछ घट राहा था कि हर जगह आदर्शवादिता की धज्जियाँ उडी हुई थी। उसकी नीव मैने खोदी थी तो अन्त तक पहुँचाना जरुरी था। उसी में मैं भी व्यस्त था, वन वे ट्राफिक की भांति... चले जल्द मुलाकात होती है। आदर्श के कुछ और पन्नें खोलने हैं।