Tuesday, May 5, 2020

इंडियानामा...: एक बार फिर पुरानी शुरुआत

इंडियानामा...: एक बार फिर पुरानी शुरुआत: एक बार फिर  पुरानी शुरुआत ,,, जाने कितने दिन और साल बीत गए .., शायद साल दर साल लग गए हैं।अब ये अलग बात है कि इस दौरान मेरे लिखने और आप ल...

एक बार फिर पुरानी शुरुआत

एक बार फिर  पुरानी शुरुआत ,,,
जाने कितने दिन और साल बीत गए .., शायद साल दर साल लग गए हैं।अब ये अलग बात है कि इस दौरान मेरे लिखने और आप लोगों से रुबरु होने के कई कारण थे, लेकिन मैं आप लोगों के सामने मुखाबित नहीं हो सका।इसके लिए खेद है । दरअसल ये समय का चक्र कुछ ऐसा था कि मैं आप लोगों से दूर चला गया था, आप सभी एक बैधिक पाठक हैं आप लोगों की आलोचना और सुझाव सदैव मेरे लिए महत्वपूर्ण रहें हैं इसलिए मैं आप लोगों  से मुखातिब होते रहता हूँ, कदापि दूरी रखना नहीं चाहता यही कारण है कि एक बार फिर पुरानी शुरुआत है ये । ये शुरुआत वहाँ से है जहाँ से मैं आपसे दूर हो गया था, मै आपसे उस मोड पर अलग हो कर आया था, जहाँ मैने लिखा था कि एक युग का अंत हो गया, हकीकत ही है एक युग का अंत हो चुका है। आज का दौर ना तो हमने कभी सुना था और ना ही कभी सोचा ही था कि इस तरह के भी समय आ सकते हैं। महामारी से लेकर अर्थव्यवस्था के उछल पुथल तक सबकुछ गडबड सा हो रहा है। आप सभी कई दिनों से अपने अपने घरों में बंद हैं , एक अघोषित भय सा सबके मन में घूम रहा है कि अगला पल कैसा होगा इस बात से अनजान हैं।इन बातों पर पर विस्तार से चर्चा जरूर करूँगा।फिलहाल मैंने संवाद की शुरुआत कर दी है इस संवाद को आगे बढाते रहेंगे। अभी आप सबों से बहुत बातें करनी है , कुछ विचार साझा करना है । इस सफर को आगे बढाते चलते हैं।