
Kandisa, हकीकत है नदियाँ हमारी लिए माँ से कम नहीं । लेकिन ना तो आज हम माँ को ही याद कर रहे और ना ही अपनी इन नदियों को लेकिन जरुरत है अपनी संस्कृति से जुड अपने आप का उत्थान करे साथ ही लोगों को इससे अवगत भी कराएँ। इसी प्रयास में मैने इंडियानामा में इंडिया के कोने कोने से कुछ संगीत आपको सुनाने की चेष्टा कर रहा हूँ ।आप अपने विचार जरुर बताएँगे...।