Saturday, April 22, 2023

देश की सही दिशा

यात्राओं का सिलसिला यूँ तो बरकरार रहता ही है, लेकिन लंबें अंतराल के बाद ये महसूस होता है कि देश की दिशा बदल रही है। मसलन अब राह तरक्की की ओर दिख रही है। वैसे मैं अपने नजरिए से इसे देख रहा हूँ इससे आप सहमत हैं कि नहीं इस बात से मैं अनजान हूँ। लेकिन इतना जरूर कह सकता हूँ कि विश्व स्तर पर भारत की छवि को देखकर ये जरूर कह सकता हूँ कि अब बदलती हुई दिशा अब बेहतरी के लिए है।जब कोई भी भारतीय राजनयिक आज से पहले विदेश यात्रा पर रहता था, तो उसकी छवि मजह औपचारिकता पूरा करने भर की थी, क्योकि ना तो कोई बेहद इज्जत मिलती थी और ना ही उसे अपनी बातें खुलकर कहने की आजादी ही थी। क्य़ोकि हम तीसरी दुनिया के सबसे पिछडे देश के रूप में जाने जाते थे। लेकिन अब नहीं सबको एक समान देखने को मजबूर हमने किया है। जिससे हमें हमारा खोया सम्मान मिल सके।

                              बहुत दिनों के बाद शब्दों को पिरोने की कोशिश कर रहा हूँ, शायद इससे आप लोग के बीच एक बार फिर पहले की तरह गुफ्तगू कर सकूँ। कुछ बातें अधूरी रह गई हैं, चर्चा जारी रहेगी ।