Friday, May 11, 2007

सदी के महानायक के बेटे की शादी और मीडिया ।


जब से महानायक के बेटे की शादी की घोषणा हुई है महिला टी.वी.पत्रकारों के लिए तो मुश्किलों की ही शुरुआत हो गई है। एक तो फिल्मी दुनिया के चर्चित अविवाहित युवा से फ्लर्ट करने को नही मिलेगा दूसरे शादी की तैयारियां भी करनी पडेगी। एन्कर और महिला रिपोर्टरों ने ब्यूटी पार्लर से लेकर फैशन डिजाइनरों तक के दरवाजे पर मैराथन दौड़ शुरू कर दी है,अपने रुप और फैशनेबल कपड़ो को संवारने के लिए। चवन्नीछाप पत्रकारों के लिए ज्यादा के मुश्किल की घड़ी आने लगी जिन्होंने अभिनेता और अभिनेत्रियों के मुँह से अपनी प्रशंसा में कसीदे पढ़वाए थे। सवाल यह है कि अब किससे अपनी प्रशंसा करवाएगे। फिल्मी हस्तियों के अलावा राजनेता और बौद्धिक लोग भी जो वहॉ रहेंगे। बौद्धिकों के सामने तो कलई खुलते देर नहीं लगेगी। यानि चवन्नीछाप एन्करिंग और रिपोर्टिग दो कौडी की हो जाएगी। फिर भी मन में समुद्र हिलोरें मार रहा था। जलसा या प्रतीक्षा में कोइ तो मिलेगा , और तो और वहॉ कोइ नहीं मिलेगा तो ऐश्वर्या के घर पर ही किसी को घेरेंगे। किसी थक चुकी हीरोइन की प्रशंसा का हथियार चलाएँगे जिससे रिटर्न फायर में वह कुछ तो दे जाएगी। लेकिन मन का जहाज तब समुद्र में डूबने लगा जब अमिताभ ने किसी को शादी में आने का न्योता ही नहीं दिया। सारी इन्टरटेनमेंन्ट रिपोर्टिंग की हवा फुस्स हो गई। आखिर पहले से कह जो रखा है कि हमारी पहुँच बड़े बड़े कलाकारों के ड्राइंगरुम से बाथरुम तक है। अब अपनी लाज और अमिताभ के प्रति गुस्सा को छुपाएं कैसे। अमिताभ कद काठी से काफी ऊँचे है वहाँ तक गुस्सा पहुँचकर उलटे अपने उपर ही आ गिरेगा जेड सिक्यूरिटी के रुप में। अमिताभ को अपने बेटे की शादी भी चैन से नहीं करना देने चाहते थे ये लोग और उनके गुस्से से भी बचना चाहते थे। तो शुरुआत हुआ प्लान बनाने का। आज तक जो अपने घर और शरीर का प्लान नहीं बना सकते थे वे मिडिया कवरेज की बातें करने लगे। आखिर दिखाना जो था कि हम भी हैं किसी काबिल। फील्ड के हर रिपोर्टर और कैमरामैनों को एक लाइन से लगा दिया गया। दूसरा कोई खबर अहम हो ही नही सकता सिवाय इसके। कैमरामैनों और रिपोर्टरों को हिदायत दे दी गई कि अमिताभ के घर से निकलने वाले कुत्ते का भी फुटेज लेना है। शादी के दिन रास्ते में हर किसी को लगाया गया कि अभिषेक,अमिताभ और उनके नौकरों तक तस्वीर नहीं छुटनी चाहिए। लेकिन खिसीयानी बिल्ली खम्भा नोचें वाली कहावत तब चरितार्थ हुई जब सारे बराती चमचमाती गाडियों में सवार तेजी से निकलते गए। अब वो अमिताभ के घर की दीवार नोचे या अपने बाल। इन्तजार तो उन्हें करना पडेगा शायद अभिषेक-ऐश्वर्या के बच्चे की शादी तक...

1 comment:

anand raj said...

very good.carry on.