Sunday, October 17, 2010

रावण एक बार फिर मरा... राम राज्य की उम्मीद..


रावण को तो एक बार फिर हमने मारा सदियों से मारते आ रहें हैं लेकिन रावण की संना रक्तबीज की तरह पनपते जा रही है। शायद इस बार इस पर रोक लग जाए और राम राज्य कायम हो। लेकिन किस तरह का राम राज्य आएगा ये समझना बेहद कठिन है। ना तो इस जमाने में कोई सीता है और ना ही राम, सबके अपने विचार हैं। कोई कहता है कि मैं श्रेष्ठ तो कोई कहता है कि नहीं मैं सही बाकी सारी कायनात झुठी। सदियों पहले कबीर ने सच कहा है.. कबीरा एह बाजा़र में भांति भांति के लोग कोई झूठ को सच बनावे किसकी का सच भी झूठ हो... (ये भावार्थ मैंने निकाला है, व्याकरण और विश्लेषण पर ना जाएँ।

2 comments:

ASHOK BAJAJ said...

बहुत अच्छी प्रस्तुति .

विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएं .

Rajiv Ranjan Singh said...

धन्यवाद