Thursday, April 19, 2018

अंधेरा अच्छा लगता है


निर्वासन आत्मदाह,
से बेहतर
जीने की प्रबल चाह
ढहते हैं मूल्य अगर, ढहने दे!
ये तब की बातें हैं
जब अंधेरा से,
उजाला श्रेयस्कर ,
रक्त के रिश्ते से
दिल का रिश्ता बेहतर,
अब तो दिल कहता
मन को अंधकार में रहने दे !
अकूलाहट मे
शामिल हो
भीड़-भाड़ में अपने को खोज
मन को रोज  तिरस्कार सहने दे!!

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