Thursday, September 13, 2007

पुलिस की मुसीबत और गणपति त्योहार


भगवान के दरबार में सभी एक बराबर हैं।लेकिन अब लगता है कि भगवान भी पहरेदारी के बिना नहीं रह सकते हैं। दिनों दिन आतंकवाद की धमकी और असमाजिक गतिविधियॉ सरकार के नाक में दम कर रखा है। सरकार भी अंधेरे में तीर मारने का काम करती रही है।फिर उसी ताक में है कि कब मौका मिले,फिर से अपने पीठ थपथपाने का।लगे हाथ अपनी भी वाह वाह हो जाएगा,और कुछ जन कल्याण का भी काम हो जाएगा। इस दौर में गणपति उत्सव पर कड़ी चौकसी करने के लिए भारी पुलिसिया बन्दोबस्त किया गया है। जरुरी किया गया कि हर मंडल में सुरक्षा के भरपूर इन्तजाम हों। प्राइवेट सिक्यूरटी एजेन्सीयों की तो चाँदी ही हो गयी।अपनी कीमत भी उन्होंने दुगनी चौगुनी कर दी।
त्योहार के मजा में रही सही कसर पूरा करने पर उतारु है मुम्बई महानगर पालिका। यानी भक्ति की समय सीमा रहेगी कोइ भी इस सीमा को पार करेगा तो बी.एम.सी. को जुर्माना रूपी चढ़ावा गणपति के नाम पर चढाएगा। पुलिस जाँच के भरपूर के पहले से कमर कस चुकी है। सबसे ज्यादा मुसीबत की घड़ी आ सकती है जब धनिक गणपति मंडलो के सुरक्षा का सवाल उठता है पुलिस के लिए दिनों दिन सिर दर्द बनते जा रहा है। कुछ भी हो लेकिन भक्ति के नाम पर जागरुकता और लोगों को एक साथ लाने की बात आज की नहीं है। लेकिन यह कहने के बाद आप ही कहेगें कि मैं नया आपको क्या बता रहा हूँ। मित्रों आज नया यही है कि जहाँ एक तरफ सरकार साफ सुथरी बनती है वहीं दूसरे तरफ इसे कदम अपनाती है जिसे कहते हुए संकोच होता है। उदाहरण बिहार के लें,उत्तर प्रदेश का राजनितिक दॉव पेंच को लें या मुम्बई की बार बालाओं की बात करें। एक तरफ सरकारी मंत्रीगण इसे बन्द करने की नीति अपनाते हैं,वहीं दूसरी तरफ उनके ही जलसे में जमकर नाच होता है।
खैर मैं विषयान्तर हो रहा हूँ। साल दर साल गणपति को बनाने में प्लास्टर ऑफ पेरिस का इस्तेमाल दिनों दिन वातावरण के लिए जहरीला बनते जा रहा है।ध्यान देने वाले इधर देखना तो दूर सोचना भी कब का छोड़ चुके हैं। मुम्बई की महापौर पहले तो बेहद गंभीरता से मुद्दों को देखती गयी। लेकिन विदेशी हवा यानि अमेरिका से लौटने बाद ख्याल ही कुछ बदले बदले से लगने लगे। अब गणपति विसर्जन और बाढ में लोगों के हालचाल जानने के लिए हैलिकॉप्टर की सवारी करने की बात कही। वो भी किसी से किराया ना लेकर के ब्लकि नया खरीदा जाए, खर्चे की कोई चिन्ता नहीं। यानि गणपति के लिए अब एक नया मुद्दा भी ढूँढा।

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