मित्रों काफी लम्बे अरसे के बाद आप लोगों से एक बार फिर मुखातिब हूँ, समय नहीं दे पाने के कारण आप से माफी माँगता हूँ। पिछले दिनों काफी कुछ घटा जिसपर लिखने का मन तड़प उठा लेकिन लिख नहीं सका ये मेरी गलती है,क्षमा करेंगे। साल 2008 अब अपने अंतिम संध्या के कागार पर है, साल 2009 का आगाज़ भी। खैर साल 2008 के अन्त में जो कडुवे अनुभव हुए अम्मीद है कि अगले साल वैसे अनुभव नहीं होंगे। इसी उम्मबद में मैं भी आपलोगों से इतने दिनों अब दूर नहीं रहूँगा। आखिर आप ही तो हमारी ताकत हैं जो इस लेखनी में भर देते हैं कि मैं बेबाक कुछ भी कह देता हूँ।
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