एक बार फिर....
पिछले लगभग एक बर्ष से मैं आप से दूर रहा हूँ कुछ कारण थे इस आप बीती को मैंने शब्दों में बाँधा है जो कि अब एक किताब की शक्ल में बदल गई है। जल्द ही आपके सामने होगी मैं कोशिश करुँगा कि पहले आप के सामने ही लाऊ जल्द मिलूँगा आपसे। मैं अपने आप के साथ आप से भी ये प्रण लेता हूँ कि अब हमेशा आपके सानिध्य में रहूँगा दूर नहीं जाऊगा क्योकि बेहद तकलीफ झेल ली....
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