Tuesday, January 25, 2011
एक कुलबुलाहट
ये कैसी कुलबुलाहट है कि मानती ही नहीं लोग आते हैं जाते हैं लेकिन अपनी अकुलाहट मानती नहीं। सच हम बोलना चाहते हैं लेकिन इस सच का गला घोटने से लोग परहेज नहीं करते। लेकिन इन परेशानियों से सच्चाई से अलग भी तो नहीं हो सकते। सच्चाई के साथ लडने वाली हर लडाई में सच्चे का साथ लेने वाले की होती है। लकिन इस पथ पर चलने के लिए ढेरों कुर्बानियाँ भी देनी पडती है। हाल का मामला है मनमाड में डिप्टी कल्कटर को आग के हवाले करने का। डिप्टी कल्कटर को आग के हवाले कर दिया गया क्योकि वो सच के पक्षधर थे और कालाबाजारी करने वालों का राज खोलने वाले थे। महाराष्ट्र एक प्रगतिशील राज्य के रुप में जगजाहिर है लेकिन ऐसे राज्य में इस तरह की करतूत शर्मसार करती है हमें। पूरा आवाम राष्ट्र के गणतंत्र हगोने की वर्षगांठ मना रहा है तो एक परिवार शोक में डूबा बोगा क्योकि परिवार का एक सदस्य कालाबाजारियों से लडाई लडते-लडते शहीद हो गया। डिप्टी कलेक्टर यशवंत सोनावने का पूरा परिवार शोक में डूबा होगा। इस अमानीय कृत्य पर शर्म मुझे भी आने लगती है कि क्या पैसा इतना जरुरी है कि लोग एक दूसरे को मारने पर उतारु हो जाते हैं। यही है बुद्ध और कृष्ण की भूमी की महानता।
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