Sunday, August 3, 2014

कैसे बदल गया ज़माना


नमस्कार को टाटा खाया जूती खाया बाटा
अंग्रेजी के चक्कर में भई हुआ बड़ा ही घाटा
बोलो धत्त तेरे की
माताजी को मम्मी खा गई पिता को खाया डैड
दादाजी को ग्रैंडपा खा गए सोचो कितना बैड
बोलो धत्त तेरे की
गुरुकुल को स्कूल खा गया गुरु को खाया चेला
सरस्वती जी की प्रतिमा पर उल्लू मारे ढेला
बोलो धत्त तेरे की
चौपालों को बार खा गया रिश्ते खाया टी वी
देख सीरियल लगा लिपस्टिक बक बक करती बीवी
बोलो धत्त तेरे की
अंगरखे को कोट खा गया धोती खायी पैन्ट
अंगोछे को टाई  खा गई अत्तर को खाया सेंट
बोलो धत्त तेरे की
रसगुल्ले को केक खा गया दूध पी गया अंडा
दातुन को टूथपेस्ट खा गया छाछ पी गया ठंढा
बोलो धत्त तेरे की
बातचीत को चेट  खा गया चिट्ठी पत्री नेट
हुतुतू को ताश खा गई  गुल्ली  खाया बैट
बोलो धत्त तेरे की
परंपरा को कल्चर खाया हिंदी को अंग्रेजी
दूध दही के बदले पीकर चाय बने हम लेजी
बोलो धत्त तेरे की

                        

5 comments:

Steve Finnell said...
This comment has been removed by a blog administrator.
Rajiv Ranjan Singh said...

This is your comment or invitation ? But thanks buddy....

dr.mahendrag said...

सभी कुछ बदल गया किस किस की धत करें ?

Rajiv Ranjan Singh said...

many many thanks

Rajiv Ranjan Singh said...

many many thanks